Freelance Falcon ~ Weird Jhola-Chhap thing ~ ज़हन

Wednesday, July 24, 2013

Baali # 3 (Aryan Creations)


कलियुग और त्रेतायुग मे केवल बढ़े पाप का अंतर नहीं है। त्रेतायुग मे दूषित बुराई चिन्हित थी, दिखती थी, अब कलियुग मे बुराई हर और है पर कहीं चिन्हित नहीं है। अच्छाई के साफ़ कणों का आडंबर लेकर बुराई उन जगहों पर भी रच-बस गयी है जहाँ पहले बड़े-बड़े राक्षस जाने से डरते थे। जैसे ऋषि आश्रमों को वहाँ की पवित्रता और रहने वालो के साफ़ हृदय के कारण पहले युगों मे एक अभयदान मिला रहता था बुरी शक्तियों से पर कलियुग मे तो खुद आश्रम के संचालक, खुद को ऋषि-मुनि कहने वाले बड़े पापों मे लिप्त मिलते है।


युगों का परिवर्तन तो मुझ बाली के चरित्र से ही लो त्रेतायुग मे मैं बुराई का प्रतीक था पर कलियुग में इतना विष है की त्रेता का पापी इस युग को देख कर दुखी है और उसका तब का चरित्र अब की जनता से बेहतर प्रतीत होता है। मृत्युलोक की परीक्षा का समय अब आया है। सुना है भगवान विष्णु कलियुग मे कल्की अवतार लेंगे, भगवान राम का अवतार लेने पर उन्हें चिन्हित बुराइयों को समाप्त करना था पर अब लगता है उन्हें आकर पूरा युग समाप्त करना होगा। उनके हाथों एक बार उध्धार हो चुका है मेरा कदाचित इस कारण ही इस युग मे पावन आत्मा लेकर लौटा हूँ, जब तक श्री हरी विष्णु अवतार नहीं लेते तब तक पृथ्वी की छदम बुराई से बाली लड़ेगा। मेरा लक्ष्य है इकाई-इकाई संगठित होकर समाज में अपनी जड़ें फैलाते छदम पाप से युग के अंत तक निरंतर युद्ध। दिन पर दिन ....साल दर साल ...दशक दर दशक ....शताब्दी दर शताब्दी ....निरंतर युद्ध! त्रेता में मेरे कर्मो का प्रायश्चित ....निरंतर!!

- Mohit

Other Team Members - Deven Pandey, Ashish  Khare, Eesh Khan, Harish Atharv Thakur.




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